शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2016

हम हिन्दुस्तानी


वो मुझे ईद की बधाई देते हैं, घर आते हैं सेंवई खाते हैं, मैं उन्हें होली दीवाली की बधाई देती हूँ, रंग खेलती हूँ उनके साथ दिए जलाती हूँ । ना जाने कितने बार कन्या भोज किया, ना जाने कितनी बार सत्यनारायण की कथा सुनी, ना जाने कितनी बार मंदिर गई, गंगा में डुबकी भी लगा आई । मुझे मेरे घर से यही संस्कार मिले हैं, माँ हमेशा कहती हैं हर मज़हब की इज़्ज़त करो। माँ अब्बा हाजी हैं. पांच वक़्त की नमाज़ पढ़ती हैं, क़ुरआन पढ़ना उनके दिन में शामिल है लेकिन उन्होंने कभी हिंदुओं से नफ़रत नहीं की । मेरे सबसे क़रीबी दोस्तों में हिन्दू हैं हम साथ बढ़े खेले और एक दूसरेके सुख दुःख में शामिल हैं । फिर वो कौन हैं जो बोलते हैं की हिन्दू मुस्लिम एक नहीं हो सकते,हम सांझी संस्कृति का हिस्सा हैं ,  कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सोशल मीडिया में मुस्लिम्स और इस्लाम को गाली देते हैं लेकिन मेरे अच्छे दोस्त हैं । जो दिखाई दे रहा है वो पूरा सच नहीं है सच वो है जो हमारे आसपास हो रहा है । सीरिया, ईराक़,पकिस्तान की वजह से अपने आसपास अपनेभाइयों से नफरत मत करिये । और जो फ़र्ज़ी गौ रक्षक तथाकथित सेनाएं हैं उनकी वजह से हिन्दू धर्म को मत कोसिये । हम इतने कमज़ोर नहीं बन सकते कि सत्ता के लिए कोई हमें अलग कर दे.....😊