शुक्रवार, 24 जनवरी 2014

बेवजह...

सुना था कि
बेवजह कुछ नहीं होता
यक़ीन भी तो था
कि हर बात की
वजह होती है....
हाँ
जब तुम ज़िन्दगी में
शामिल हुए तो
वजह नहीं तलाशी थी
हाँ
जब तुम बेहद क़रीब थे
तो सोचा नहीं था कुछ भी
सब कुछ बेवजह था....
हमारा रिश्ता
हमारी ख़ुशी
हमारा सच
लेकिन
एक दिन
जब तुम
अचानक चले गए
ज़िन्दगी से
तो सवाल करती हूँ
खुद से
तुमसे...
जवाब नहीं है
कोई वजह नहीं थी
तुम्हारे आने कि
और
कोई वजह नहीं है
तुम्हारे जाने कि भी
हाँ
बहुत कुछ होता है
बेवजह....

3 टिप्‍पणियां:

Vandana Ramasingh ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति .....

कौशल लाल ने कहा…

कुछ बातें वेवजह ही होती ..... सुन्दर

richa shukla ने कहा…

बहुत ही सुंदर व मर्मस्पर्शी प्रतुति..
prathamprayaas.blogspot.in-