शुक्रवार, 13 दिसंबर 2013

हाँ मैं खुश हूँ...

हाँ  मैं खुश हूँ
तुम्हारे बगैर
हाँ मैं खुश हूँ ...
अब कोई नहीं
जो रखे मेरा ख्याल
अब कोई नहीं
जो करे मुझसे सवाल
हाँ मैं खुश हूँ
अब कोई नहीं आता
खवाबों में जगाने मुझे
अब कोई नहीं सुलाता
थपकियाँ देके....
हाँ मैं खुश हूँ
अब किसी की
यादें नहीं सताती
अब किसी के वादे नहीं रुलाते
अब कोई नहीं
जो तोड़ता हो मेरी आस
हाँ मैं खुश हूँ...
अब कोई नहीं
जो गीले हाथों से
छूके सताए मुझे
अब कोई नहीं है
जो पढ़ ले मेरी ख़ामोशी
हाँ मैं खुश हूँ...
अब तुम साथ नहीं
हाँ मैं खुश हूँ
तुम्हारे बगैर..

2 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

छूके सताए मुझे
अब कोई नहीं है
जो पढ़ ले मेरी ख़ामोशी
हाँ मैं खुश हूँ...
अब तुम साथ नहीं
हाँ मैं खुश हूँ
तुम्हारे बगैर..
बेहद खूबसूरत पंखुड़ियों का गुलदस्ता ..

DeepkeDeep ने कहा…

ek bahtreen sach yun lafzon me man ka ye bhaw !